Choti Diwali 2025: दिवाली का जादू शुरू हो चुका है, और हर कोई इस पांच दिवसीय पर्व की दूसरी रात यानी छोटी दिवाली (Choti Diwali) का बेसब्री से इंतजार कर रहा है। इसे नरक चतुर्दशी, रूप चौदस या काली चौदस भी कहा जाता है। इस दिन भगवान श्रीकृष्ण ने नरकासुर का वध कर 16,000 स्त्रियों को मुक्त किया था—इसलिए यह दिन बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है।
तो चलिए जानते हैं छोटी दिवाली 2025 की सही तिथि, पूजा विधि, मंत्र, दीपदान का समय और शुभ मुहूर्त—ताकि आप इस पर्व को पूरे विधि-विधान और श्रद्धा से मना सकें।
Choti Diwali 2025 Date and Tithi (छोटी दिवाली 2025 की तिथि और चतुर्दशी)
इस साल छोटी दिवाली को लेकर लोगों में थोड़ी उलझन है, क्योंकि चतुर्दशी तिथि दोपहर से शुरू होकर अगले दिन तक चल रही है।
| विवरण | समय |
|---|---|
| चतुर्दशी तिथि प्रारंभ | 19 अक्टूबर 2025 – दोपहर 1:51 बजे |
| चतुर्दशी तिथि समाप्त | 20 अक्टूबर 2025 – दोपहर 3:44 बजे |
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पूजा और स्नान चतुर्दशी तिथि में ही करना चाहिए। इसलिए 20 अक्टूबर को सुबह अभ्यंग स्नान और पूजा करना श्रेष्ठ रहेगा।
Read more:-
Happy Diwali 2025: Date, Time, Puja Vidhi, Mantra, and Shubh Muhurat
Choti Diwali Shubh Muhurat 2025 (पूजा और दीपदान का शुभ समय)
छोटी दिवाली पर अभ्यंग स्नान, दीपदान, और श्रीकृष्ण पूजा का विशेष महत्व होता है। पंचांग के अनुसार, इस दिन के शुभ मुहूर्त इस प्रकार हैं:
| क्रिया | शुभ समय |
|---|---|
| अभ्यंग स्नान | 20 अक्टूबर – सुबह 4:21 से 5:46 बजे |
| दीपदान | 20 अक्टूबर – शाम 6:00 से 8:00 बजे |
| श्रीकृष्ण पूजा | 20 अक्टूबर – प्रदोष काल में, शाम 6:30 से 8:18 बजे |
दीपदान यमराज के नाम पर किया जाता है, जिससे अकाल मृत्यु का भय दूर होता है।
Choti Diwali Puja Vidhi (छोटी दिवाली की पूजा विधि)
छोटी दिवाली की पूजा विधि सरल है लेकिन भावपूर्ण होनी चाहिए। इस दिन भगवान श्रीकृष्ण, यमराज और देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है।
पूजा विधि:
- प्रातःकाल अभ्यंग स्नान करें (तिल का तेल लगाकर स्नान)
- घर के मुख्य द्वार पर दीपक जलाएं
- श्रीकृष्ण की मूर्ति या चित्र को गंगाजल से शुद्ध करें
- फूल, चंदन, धूप और नैवेद्य अर्पित करें
- “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का जाप करें
- यमराज के नाम पर घर के बाहर दीपक जलाएं
- दीपदान के बाद परिवार के साथ आरती करें
- इस दिन का स्नान और दीपदान विशेष फलदायी माना जाता है, इसलिए इसे नजरअंदाज न करें
Choti Diwali Mantra and Aarti (मंत्र और आरती)
छोटी दिवाली पर निम्न मंत्रों का जाप करने से विशेष पुण्य प्राप्त होता है:
श्रीकृष्ण मंत्र:
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
यमराज मंत्र:
ॐ यमाय नमः
लक्ष्मी मंत्र:
ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ॐ महालक्ष्म्यै नमः
आरती:
- श्रीकृष्ण की आरती
- यमराज की आरती (दीपदान के समय)
छोटी दिवाली का धार्मिक महत्व
छोटी दिवाली को नरक चतुर्दशी कहा जाता है, क्योंकि इस दिन भगवान श्रीकृष्ण ने नरकासुर का वध किया था। यह दिन बुराई पर अच्छाई की जीत, शुद्धि, और प्रकाश का पर्व है।
- इस दिन अभ्यंग स्नान से शरीर और आत्मा की शुद्धि होती है
- दीपदान से यमराज प्रसन्न होते हैं और अकाल मृत्यु का भय दूर होता है
- श्रीकृष्ण पूजा से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा आती है
- छोटी दिवाली हमें याद दिलाती है कि हर अंधकार के बाद उजाला आता है
Choti Diwali Wishes and Status (शुभकामनाएं और सोशल स्टेटस)
अगर आप अपनों को छोटी दिवाली की शुभकामनाएं भेजना चाहते हैं, तो ये लाइनें आपके लिए हैं:
- “छोटी दिवाली पर आपके जीवन में उजाला ही उजाला हो, शुभकामनाएं!”
- “नरक चतुर्दशी पर दीप जलाएं और बुराई को हराएं—Happy Choti Diwali!”
- “श्रीकृष्ण की कृपा से आपके घर में सुख, शांति और समृद्धि बनी रहे!”













